बुधवार, 3 अक्तूबर 2012

आइये यादों के आनंद में सराबोर हों..


प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में बहुत सी घटनाओं, बहुत से क्रिया-कलापों, बहुत से एहसासों, अनेक कार्यों, कई सारे अनुभवों से गुजरता है..इन सबका मिलाजुला असर देखने को भी मिलता है..कई बार मीठा सा, पसंद करने वाला और कई बार खट्टा सा, कुछ-कुछ निराश सा करने वाला...बहुत सी बातों को हम चाह कर भी भुला नहीं पाते..वे यादों के रूप में हमारे साथ सदा-सदा को रहतीं हैं.
 
कई बार ये यादें हमें हंसाली हैं, गुदगुदाती हैं तो कई बार रुलाती हैं, एक कसक सी जगाती हैं...हम सब आये दिन अपने दिल के हाथों वशीभूत होकर अपनों के बीच इन खट्टी-मीठी यादों को बांटते रहते हैं..
 
इस समूह का उद्देश्य भी यही है कि हम अपनी इन खट्टी-मीठी यादों को आपस में बाँट कर कभी आँखों में ख़ुशी की चमक भर दें तो कभी इन्हें साथ-साथ नम भी करें.... स्मृति वन में विचरण करते हुए कई बार हमें सुगन्धित पुष्प भी मिलेंगे तो किसी मोड़ पर काँटों की चुभन का एहसास भी होगा.....
 
कुछ भी हो साथ में स्मृति वन में टहलने का, विचरने का अपना ही आनंद है.....आइये हम सब साथ मिलकर इस आनन्द को उठायें...

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